इसे इत्तेफाक कहें या फिर इंडियन प्रीमियर लीग में पैसों की चमक ... लेकिन हकीकत ये है ट्वेंटी-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया के 7 बल्लेबाज़ों में से 5 बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन ऐसा रहा ... जो ये दिखाता है कि इन्हें सिर्फ बीसीसीआई की मिलियन डॉलर लीग यानि आईपीएल में खेलना ही रास आता है... सबसे पहले बात करते हैं कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की... आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए धोनी ने जहां 78 मैचों में 37.12 की औसत और 136.44 के स्ट्राइक रेट से 1782 रन बनाए हैं... जिनमें 9 अर्द्धशतक भी शामिल हैं... तो वहीं टीम इंडिया की तकफ से 38 इंटरनेशनल ट्वेंटी-20 मैच खेलते हुए धोनी ने सिर्फ 652 रन बनाएं हैं... और इन मैचों में उनका औसत 31.08 का रहा... ताज्जुब की बात ये भी है कि धोनी के बल्ले से जहां आईपीएल में 9 अर्द्धशतक निकले... वहीं इंटरनेशनल ट्वेंटी-20 में एक भी पचासा नहीं निकला... गौतम गंभीर ... कोलकाता नाइटराइडर्स को इस साल खिताब दिलाने वाले गौतम
गभीर ने आईपीएल के 72 मैचों में 2065 रन बनाए हैं... जिनमें गंभीर का औसत 33.30 का और
स्ट्राइक रेट 128.90 का रहा... जबकि इंटरनेशनल ट्वेंटी मैचों में गंभीर ने 33 मैचों
में 27.83 की मामूली औसत से 835 रन बनाए... कुछ ऐसा ही हाल वीरेंद्र सहवाग का भी
है... वीरु ने जहां आईपीएल के 66 मैचों में 30.30 की औसत से 1879 रन बनाए... तो वहीं टीम
इंडिया के लिए खेलते हुए 19 इंटरनेशनल ट्वेंटी-20 मैचों में 21.99 की मामूली औसत से
394 रन बनाए... बात करें युवा खिलाड़ियों की तो रैना और रोहित भी आईपीएल के मुकाबले इंटरनेशनल ट्वेंटी-20 मैचों में
अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं... सुरेश रैना ने आईपीएल में 33.64 की औसत से 2254 रन
बनाए जबकि टीम इंडिया के लिए खेले गए ट्वेंटी-20 मैचों में रैना के बल्ले से 33.39 की औसत से 768
रन निकले... जाहिर है आंकड़े साफ दिखाते हैं कि इन खिलाड़ियों की नज़र में टीम
इंडिया कितनी अहमियत रखती है... लेकिन सवाल यही है कि आखिर आईपीएल का आकर्षण आखिर
कब तक भारतीय फैंस को मायूस करता रहेगा।
Good one
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