I am here because of my cricketing career, I won't leave playing cricket
राज्यसभा सांसद बने सचिन तेंदुलकर की ज़ुबान से निकले ये शब्द ... साफ इशारा कर रहे हैं कि क्रिकेट के भगवान का पहला प्यार क्रिकेट ही रहने वाला है... 22 गज की पिच को अपनी ज़िंदगी समझने वाले सचिन ...उससे दूर नहीं रह सकेंगे... ऐसे में ये सवाल उठना लाज़िमी है... कि क्या सचिन संसद की पिच पर अपनी नई ज़िम्मेदारियां उठा पाएंगे... या फिर इन जिम्मेदारियों के बीच ... भगवान का क्रिकेट प्रेम आड़े आ जाएगा... क्योंकि अगले एक साल तक का संसद सेशन और क्रिकेट कैलेंडर तो कुछ यही इशारा कर रहा है...ज़रा पार्लियामेंटरी सेशन और टीम इंडिया के क्रिकेट कैलेंडर पर नज़र डालिए...
संसद का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा... जो करीब 22 दिन तक चलेगा... जबकि इसी बीच टीम इंडिया को श्रीलंका का दौरा करना है... जो 22 जुलाई से ही शुरू हो रहा है... और टीम इंडिया का ये दौरा 7 अगस्त तक चलेगा... इसके बाद संसद का विंटर सेशन नवंबर से शुरू होगा ...जो करीब ढेड़ महीने चलता है... जबकि नवंबर में टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू और वनडे सीरीज़ खेलनी है... और ये सीरीज़ 27 जनवरी तक खेली जानी है...
जाहिर है आंकड़े साफ दिखा रहे हैं कि इस साल होने वाले संसद के दो सत्रों में तो सचिन का अपनी नई ज़िम्मेदारियों को निभाना फिलहाल मुमकिन नहीं लगा रहा... हालांकि खुद सचिन से जब ये सवाल पूछा गया कि क्या वो अपनी नई जिम्मेदारियों को निभाएंगे... हालांकि सचिन के क्रिकेट प्रेम को देखते हुए ...फिलहाल ये मुमकिन भी नज़र नहीं आता कि वो क्रिकेट को अलविदा कह देंगे... ऐसे में सवाल यही उठता है कि साल भर में 250 दिन क्रिकेट खेलने वाले सचिन क्या अपनी नई जिम्मेदारियों को निभा पाएंगे।
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