Saturday, May 29, 2010

सचिन को नहीं भाती पार्टी‎


सचिन तेंदुलकर आज क्रिकेट के जिस मुकाम पर खड़े हैं...उस तक पहुंचने के लिए क्रिकेट के इस भगवान ने हमेशा ही खेल को अपना धर्म समझा...और सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के लिए जिए...और यही कारण है कि सचिन तेंदुलकर का पार्टियों से कभी वास्ता नहीं रहा। आईपीएल पार्टी की भीड़ में आपने...टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों को मस्ती करते देखा होगा...RELIEF संगीत पर थिरकते देखा होगा...चकाचौध वाली इस रंगीन शाम का मज़ा लेते हुए देखा होगा...लेकिन इस रंगीन शाम में...शायद ही आपको कभी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का चेहरा दिखाई दिया हो...अपनी टीम मुंबई इंडियन्स को फाइनल तक पहुंचाने वाले सचिन कभी इन पार्टियों का हिस्सा नहीं बने...मास्टर ब्लास्टर सचिन की टीम को हार मिली हो..या फिर जीत...सचिन ने कभी पार्टी का ऱुख तक नहीं किया... दरअसल इसकी वजह साफ है...सचिन को पार्टियों से ज़्यादा मोहब्बत...अपने खेल से है...सचिन तेंदुलकर हमेशा ही अपने खेल को आगे रखते हैं...RELIEF और यही वजह है कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के 20 साल के क्रिकेट करियर में कभी वो मोड़ नहीं आया..जब उन पर ऊंगली उठी हो...सचिन ने अपने क्रिकेट करियर में हर वो मुकाम हासिल किया...जिसकी युवा क्रिकेटर्स सिर्फ कल्पना कर सकते हैं...और ऐसा भी नहीं है कि सचिन का वास्ता ग्लैमर, पैसा और शोहरत से न पड़ा हो...मौजूदा वक्त में भी मास्टर ब्लास्टर सचिन एव वर्ल्ड के सबसे चहीते क्रिकेटर्स में शूमार हैं...जो ये दिखाता है कि सचिन ने क्रिकेट को सिर्फ खेला ही नहीं है...बल्कि उसको जिया है...और यही चीज आज सचिन को भारतीय क्रिकेट में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में महान बनाती है।

3 comments:

  1. आज ही समाचार में देखा. बहुत सही कहा सचिन ने.

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  2. सचिन की क्रिकेट के प्रति लग्न ही है जिसके कारण वे आज इस मुकाम पर हैं.

    उन दिनों जब काम्बली और सचिन एक साथ भारत के लिए खेल रहे थे और दोनों शतक पर शतक लगा रहे थे तो किसी ने उनके गुरु श्री अचरेकर जी से पूछा की उन्हें सचिन और काम्बली में क्या अंतर दिखाई देता हैं. उनका उत्तर था की काम्बली क्रिकेट के अलावा और भी चीज़ों के बारे में सोचता है, लेकिन सचिन केवल क्रिकेट के ही बारे में सोचता है!.

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  3. सही कहा राजीव जी ने...

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