आईपीएल का लंबा सीज़न एक बार फिर टीम इंडिया के लिए हार का कारण न बने...इसके लिए आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल सीज़न फोर के लिए कुछ बदलाव करने पर विचार कर रही है। जिसके बाद आईपीएल सीज़न फोर में खेले जाने वाले मैचों की संख्या 94 की बजाए 62 हो सकेगी।
आईपीएल का लंबा सीज़न एक बार फिर टीम इंडिया के लिए थकान की वजह न बन जाए...इसके लिए बोर्ड अब आईपीएल के फॉर्मेट में बदलाव करने का मन बना रहा है...और ललित मोदी के आईपीएल चेयरमैन पद से निलंबन के बाद इस बात की पूरी गुंजाइश भी नज़र आती है...हालांकि सीज़न फोर में 8 की बजाए 10 टीमें मैदान में उतरेंगी...लेकिन बावजूद इसके आईपीएल सीज़न में उतना लंबा नहीं चलेगा...जितना कि इसके पिछले तीन सीज़न रहे...इसके लिए गवर्निंग काउंसिल के पास विकल्प के तौर पर दो फॉर्मेट हैं....पहले फॉर्मेट के आधार पर सीज़न फोर के लिए 10 टीमों को दो ग्रुप में बांटा जाएगा ...जिसमें से हर टीम रॉबिन राउंड सिस्टम के आधार पर घर में और बाहर अपने ग्रुप की दूसरी टीमों के साथ चार मैच खेलेगी....और हर ग्रुप की टॉप थ्री टीमें सुपर सिक्स स्टेज के लिए क्वालिफाई करेंगी...जहां दो ग्रुपों में बड़ कर..टॉप सिक्स टीमें..तीन-तीन मैच खेल सेमीफाइनल का सफर तय करेंगी। इस नए फॉर्मूले के मुताबिक आईपीएल सीज़न फोर में मैचों की संख्या 94 की बजाए 62 होगी...
जबकि सीज़न फोर के लिए बीसीसीआई दूसरा फॉर्मेट अमेरिका की एनबीए मॉडल पर तैयार किया जा सकता है...इस फॉर्मेट में.. 10 टीमों को दो ग्रुपों में बांटा जाएगा...जहां हर ग्रुप की हर टीम को दूसरी टीमों से दो बार अपने होम ग्राउंड और बाहर भिड़ना होगा... साथ ही दूसरे ग्रुप की टीमों से भी एक एक बार मुकाबला करना होगा...यानी अगर बोर्ड एनबीए के फॉर्मेट को फॉलो करता है तो सीज़न फोर में हर टीम को कम से कम 13 मैच खेलेगी... जाहिर है बोर्ड अगर सीज़न फोर के लिए नया फॉर्मेट बनाता है तो फिर बीसीसीआई उस फजीहत से बच जाएगी...जो आईपीएल के लंबे सीज़न की वजह से उसे लगातर दो टी-20 वर्ल्ड कप में झेलनी पड़ी है।
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