आंखों में जीत का जज़्बा... दिल में क्रिकेट का जुनून.. और देश के लिए कुछ कर गुज़रने का भरोसा... यही वो तीन अहम पहलू हैं...जिसने सचिन रमेश तेंदुलकर को आज भी 22 गज की पिच पर खड़ा कर रखा है... सचिन ने आज से ठीक 21 साल पहले जो ख्वाब देखा...वो आज भी उसे जी रहे हैं...सचिन का देश के लिए खेलने का ख्वाब तो पूरा हो गया... लेकिन उनका एक सपना अभी भी अधूरा है... वो ख्वाब है देश की झोली में क्रिकेट वर्ल्ड कप का ताज डालना.. कहते हैं...सपने वही देखते हैं...जो उन्हें पूरा करने का दम रखते हैं... शायद यही वजह है कि अधूरे ख्वाहिश को पूरा करने के लिए सचिन आज भी उस सपने को जी रहे हैं... और तैयार कर रहे हैं खुद को...उन तमाम सामनाओं के लिए..जो आने वाले दिनों में उनके सामने होंगी... सचिन 38 साल की उम्र में भी मानो 17 साल के सचिन की तरह खेल दिखा रहे हैं… मौजूदा वक्त में वो अपने करियर के प्राइम फॉर्म से गुज़र रहे हैं... लेकिन इसके बावजूद वो आगे बढ़ते रहना चाहते हैं...
सचिन, क्रिकेट के एवरेस्ट पर बैठे हैं… तमाम रिकॉर्ड्स उनके कदम चूम रहे हैं...टेस्ट क्रिकेट में शतकों के अर्धशतक से सचिन महज़ एक कदम दूर हैं.. लेकिन खुद सचिन को इस बात से फर्क नहीं पड़ता... उन्हें तो सिर्फ बल्ले से रन बनाता आता है... टीम इंडिया को जीत दिलाना आता है.... गिनती का काम तो उनके करोड़ों क्रिकेट फैंस का है....जो उन्हें ऐसे ही रन बनाते देखते रहना चाहते हैं... ज़ाहिर है...सचिन का बल्ला अगर आने वाले दिनों में यूं ही गरजता रहा...तो वो दिन दूर नहीं...जब शतकों का शतक भी पूरा होगा... और सचिन की अधूरी ख्वाहिश भी।
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