
इसे मंदी का असर कहें या फिर कुछ और..दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड में शूमार बीसीसीआई को टीम इंडिया की जर्सी के लिए कोई खरीददार नहीं मिला है..और आखिरकार बीसीसीआई को अपने पुराने स्पॉन्सर सहारा की शरण में ही जाना पड़ा है। बीसीसीआई MARKETING कमेटी की आज हुई मीटिंग में सहारा ग्रुप के मौजूदा CONTRACT को जून 2010 तक एक्सटेंड करने का फैसला लिया गया। सहारा ने 2006 में 31 दिसंबर 2009 तक बीसीसीआई के साथ 400 करोड़ का करार किया था... जिसे बोर्ड ने अब आगे बढ़ा दिया है। इससे पहले बोर्ड ने लोगो स्पॉन्सर के लिए बीडिंग कराने का प्लान बनाया था.. लेकिन किसी भी स्पॉन्सर ने टीम की जर्सी पर लोगो के लिए बीडिंग में INTEREST नहीं लिया। बीसीसीआई का प्लान इस बार लोगो बीडिंग से 162 करोड़ सलाना कमाई करने का था.. लेकिन स्पॉनर न मिलने के चलते.. आखिरकार दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड को अपने पुराने स्पॉन्सर सहारा का ही सहारा लेना पड़ा है। दूसरी ओर बीसीसीआई ने स्पोर्ट्स मैनेजमेंट फर्म वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) की ग्राउंड, टाइटल स्पॉन्सरशिप और पोरिंग राइट्स का करार और चार वर्ष बढ़ाने की पेशकश को ठुकरा दिया है। बीसीसीआई के प्रेसिडेंट शशांक मनोहर की अध्यक्षता वाली बोर्ड की मार्केटिंग समिति ने बुधवार को मुंबई में बैठक की। इसमें टीम के लिए प्रायोजकों की कमी पर विचार विमर्श किया गया।
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