Tuesday, May 11, 2010

उम्मीदें अभी बाकी हैं...


सुपर-8 के अब तक दो मुकाबले गवांने के बाद टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी श्रीलंका को मात दे...सेमीफाइनल की उम्मीदों को ....बनाए रखने की बात कर रहे है...लेकिन हकीकत तो ये है...कि श्रीलंका के खिलाफ जीत भी ....टीम इंडिया के सेमीफाइनल में पहुंचने की गारंटी नहीं बन सकती... इस जीत के बाद टीम इंडिया कैसे सेमीफाइनल में पहुंच सकती है...ये आपको समझाए -- प्वाइंट्स टेबल में टीम इंडिया दोनों मैच हार कर न सिर्फ सबसे नीचे है..बल्कि उसका रन रेट भी सबसे खराब है.. ..
ऐसे में श्रीलंका के खिलाफ जीत के बाद सेमीफाइनल में पहुंचने के समीकरण कुछ इस तरह से बन सकते हैं.. टीम इंडिया को अपना रन रेट सुधारने के लिए श्रीलंका के खिलाफ कम से कम 20 रन के अंतर से जीत दर्ज करनी होगी या चेज़ करते हुए टारगेट को 17.3 ओवर से पहले हासिल कर लें....वहीं इसके बाद हालात ऐसे है...कि टीम इंडिया को वेस्टइंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले मैच में ऑस्ट्रेलिया की जीत और वेस्टइंडीज़ की बड़े अंतर से हार की दुआ भी करनी होगी.. क्योंकि अगर वर्ल्ड कप होस्ट वेस्टइंडीज़ ऑस्ट्रेलिया को मात देती है...तो धोनी एंड कंपनी के सेमीफाइनल में पहुंचने के सभी समीकरण ...धरे के धरे रह जाएंगे...लेकिन अगर कंगारु वेस्टइंडीज़ को पटखनी देने में कामयाब होते हैं..और टीम इंडिया श्रीलंका को मात देने में कामयाब रहती तो.. फिर ग्रुप-f में .. वेस्टइंडीज़ ..श्रीलंका और टीम इंडिया के नाम 2-2 हार और एक-एक जीत होगी.. ऐसे में ग्रुप- f से दूसरे सेमीफाइनलिस्ट का फैसला रनरेट से होगा.. जो टीम इंडिया की आखिरी उम्मीद है.. जाहिर है धोनी बिग्रेड सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना सिर्फ किस्मत भरोसे ही देख सकती है।

1 comment:

  1. हां, खुद तो कुछ कर नहीं पाए अभी बाकियों के खराब खेलनें पर कैलकुलेशन बिठा रहे हैं...

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